INDIA@76: खुशखबरी- मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के कारण भारत में 57% बढ़ गया FDI का प्रवाह

Foreign Direct Investment (FDI): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को मेक इन इंडिया पहल शुरू की गई थी. इसका देश के विकास में अहम योगदान रहा है. ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के कारण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) काफी बढ़ गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. image source- https://twitter.com/narendramodi

FDI In India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के नारे से सकारात्‍मक बदलाव आए हैं. ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के कारण भारत में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 57% बढ़ गया है. अब तक विभिन्न वैश्विक कंपनियों ने या तो भारत में किसी प्रकार का विनिर्माण शुरू कर दिया है या भारत के विनिर्माण क्षेत्र में रुचि दिखाई है.

पिछले महीने यानी कि जुलाई में, अमेरिकी चिप निर्माता एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (एएमडी) ने घोषणा की थी कि वह अगले पांच वर्षों में भारत में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी. दुनिया के सबसे बड़े ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस अमेज़न ने पूरे भारत में एमएसएमई और व्यापारियों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की अपनी योजना की घोषणा की है.

हाल ही मोदी सरकार के मंत्री सोम प्रकाश ने संसद में बताया कि मेक इन इंडिया मिशन के कारण देश में 2014-2022 के बीच विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह पिछले आठ वर्षों, 2006-2014 की तुलना में 57 प्रतिशत बढ़ गया. बता दें कि मेक इन इंडिया पहल 25 सितंबर 2014 को शुरू की गई थी, ताकि निवेश को बढ़ावा दिया जा सके, नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके, सर्वोत्तम बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा सके और मेक इन इंडिया को विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार का केंद्र बनाया जा सके.

एक मजबूत विनिर्माण क्षेत्र का विकास भारत सरकार की प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है. अपनी शुरुआत के बाद से, मेक इन इंडिया पहल ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और वर्तमान में मेक इन इंडिया 2.0 के तहत 27 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. जिसे तमिलनाडु सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों में लागू किया गया है.

सरकार ने आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और कोविड-19 के कारण उत्पन्न व्यवधान को विकास के अवसर में बदलने के लिए कई नीतिगत पहल की हैं. इनमें आत्मनिर्भर भारत पैकेज, 14 क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की शुरूआत, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी), भारत औद्योगिक भूमि बैंक (आईआईएलबी), औद्योगिक पार्क के तहत निवेश के अवसर शामिल हैं.

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