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India's core sector: भारत के कोर सेक्टर ग्रोथ को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है. कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और बिजली के उत्पादन में गिरावट के कारण जून 2023 में आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि एक साल पहले की तुलना में धीमी हो गई है.

India News: भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, फिर भी प्रति व्यक्ति ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन वैश्विक औसत से काफी कम है. अब यह देश सबसे बड़े सौर मॉड्यूल निर्माताओं में से एक के रूप में उभरने के लिए भी तैयार है.

Indian economy : मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का कहना है कि वित्त वर्ष 2024 के बजट में अर्थव्यवस्था की उच्च वृद्धि को बनाए रखने के लिए और कदम उठाए गए हैं. इनमें लगातार तीसरे वर्ष पूंजी निवेश परिव्यय में रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी शामिल है.

Delhi: भारत ने स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आत्मनिर्भरता नीति के हिस्से के रूप में चिप निर्माण क्षेत्र के निर्माण को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बना दिया है.

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने 2030 तक ऊर्जा परिवर्तन के लिए सालाना 4.5 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता का अनुमान लगाया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, “हम बुनियादी ढांचे को बहुत बड़े पैमाने पर देख रहे हैं. पिछले 3-5 वर्षों में, बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सार्वजनिक व्यय में लगातार और उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

सिनोप्सिस सॉफ्टवेयर कंपनी ओडिशा के भुवनेश्वर में अपना केंद्र स्थापित करेगी. यह कंपनी अब तक 25 से अधिक देशों में अपने इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और ऑटोमेशन (ईडीए) प्रोग्राम चला चुकी है.

भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का का कहना है कि भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी20 के समिट्स के दौरान मुद्दों पर व्‍यापक चर्चा होती है. उन्‍होंने कहा कि हम जिस एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं उस पर सभी चर्चा कर सकेंगे.

भारत दुनिया में चमड़े के कपड़ों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक, काठी और हार्नेस का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक और चमड़े के सामान का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है. इस क्षेत्र में 95 प्रतिशत से अधिक उत्पादन इकाइयाँ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) इकाइयाँ है.

अमिताभ कांत का कहना है कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे उभरते देशों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए वैश्विक वित्तीय वास्तुकला को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि वे वैश्विक विकास चालक हैं.