अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए की गई सामुदायिक रसोई की व्यवस्था, मुस्लिम समाज के लोगों ने भी लिया हिस्सा, जंक-अनहेल्दी फूड बैन

इस आयोजन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना है. राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद के प्रतिनिधि शमीम अख्तर ने कहा, “लंगर का प्राथमिक उद्देश्य तीर्थयात्रियों के लिए भोजन और आराम करने की जगह प्रदान करना है. “

अमरनाथ यात्रा ( फोटो-एएनआई)

अमरनाथ यात्रा ( फोटो-एएनआई)

Amarnath: उधमपुर में अमरनाथ यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है. जिले के बट्टल बलियान, इंडस्ट्रीज एस्टेट में हजारों श्रद्धालुओं को लंगर खिलाया जा रहा है. यह पहल भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार और सामाजिक न्याय परिषद द्वारा स्थानीय हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदायों की मदद से की गई है. इसके साथ-साथ अमरनाथ जाने वाले यात्रियों के लिए रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था की गई है. वहीं यात्रा के दौरान जंक-अनहेल्दी फूड भी बैन कर दिया गया है.

इस आयोजन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना है. राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद के प्रतिनिधि शमीम अख्तर ने कहा, “लंगर का प्राथमिक उद्देश्य तीर्थयात्रियों के लिए भोजन और आराम करने की जगह प्रदान करना है. “अमरनाथ यात्रियों को मुसलमानों द्वारा दी गई सहायता पर उन्होंने कहा, “मुस्लिम समुदाय सभी धर्मों में एकता और एकजुटता के संदेश को मजबूत करते हुए, तीर्थयात्रियों को अपना समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है.”

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राष्ट्रीय मानवाधिकार (जेएंडके) के अध्यक्ष राजन सिंह जम्वाल ने कहा कि लंगर देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता की गवाही देता है. उन्होंने कहा, “अमरनाथ यात्रा के दौरान लंगर चलता रहेगा. यह पहल करुणा और भाईचारे के बारे में है और यह भारत की सर्वश्रेष्ठ पेशकश का एक चमकदार उदाहरण है. बताते चलें कि अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई और 31 अगस्त को समाप्त होगी.

-भारत एक्सप्रेस

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