बिना अनुच्छेद 370 वाला जम्मू-कश्मीर; जानिए कितना आया है बदलाव, घाटी का कैसे खुल गया है भाग्य

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने वाले ऐतिहासिक फैसले के बाद से इस केंद्र-शासित प्रदेश में काफी परिवर्तन हुए हैं. कई स्तर पर अवसरों का सृजन हुआ है और विकास के मार्ग प्रशस्त हुए हैं.

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर की प्रतीकात्मक तस्वीर

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर की प्रतीकात्मक तस्वीर

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने वाले ऐतिहासिक फैसले के बाद से इस केंद्र-शासित प्रदेश में काफी परिवर्तन हुए हैं. कई स्तर पर अवसरों का सृजन हुआ है और विकास के मार्ग प्रशस्त हुए हैं. क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थान बिना किसी रुकावट के अपना सेशन पूरा कर रहे हैं. स्कूल और कॉलेजों के साथ-साथ आम जन-जीवन में इंटरनेट सेवाएं भी बिना किसी बाधा के सर्विस मुहैया करा रही हैं. इसके चलते डिजिटल सेवाओं और उपभोक्ताओं के बीच एक बड़ा जाल बन गया है.

विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है. सीमा पर्यटन काफी लोकप्रियता हासिल कर रहा है, जिससे देश भर से पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक अनुच्छेद 370 के बाद के घाटी समेत पूरे केंद्र शासित प्रदेश में क्या स्थिति है, इस पर व्यापक प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट के मुताबिक शैक्षणिक संस्थानों का निर्बाध कामकाज सबसे महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणामों में से एक रहा है. आतंकवादी घटनाओं के बावजूद, स्कूल और कॉलेज खुले रहे हैं, जिससे छात्रों को एक स्थिर और निर्बाध सीखने का माहौल मिल रहा है.
श्रीनगर में सरकारी स्कूल के शिक्षक अजाज अहमद ने एएआई से बातचीत में आज के दौर में मिलने वाले अवसरों के प्रति अपना उत्साह जाहिर किया है. उन्होंने कहा, “इंसरजेंसी के दौरान शिक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट रही.”

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न्यूज एजेंसी ANI ने एक अन्य शिक्षक मोहम्मद इस्माइल ने कहा कि शिक्षा की निरंतरता ने न केवल छात्रों में आशा जगाई है बल्कि उन्हें आगे बढ़ने और अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच भी प्रदान किया है. इंटरनेट सेवाओं के निर्बाध संचालन ने डिजिटल व्यवसायों के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम किया है. क्षेत्र में स्टार्टअप और उद्यमियों ने नए अवसरों का लाभ उठाया है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है.
जम्मू की एक युवा उद्यमी आयशा खान ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस अवधि के दौरान उन्होंने अपना ऑनलाइन फैशन बुटीक लॉन्च किया. उन्होंने बताया, “निर्बाध इंटरनेट सेवाओं की उपलब्धता गेम-चेंजर रही है. इसने हमें देश भर में ग्राहकों तक पहुंचने में सशक्त बनाया है और ऐसे बाजार खोले हैं जो पहले पहुंच से बाहर थे.” डिजिटल व्यवसायों का फलना-फूलना इस क्षेत्र की क्षमता और डिजिटल युग को अपनाने के लिए इसकी तत्परता का प्रमाण है.

जम्मू और कश्मीर में पर्यटन ने अपनी पारंपरिक सीमाओं को पार कर लिया है. सीमा पर्यटन ने काफी लोकप्रियता हासिल की है. देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले पर्यटक अब नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों किनारों पर पर्यटकों के बीच मनमोहक हूटिंग और हाथ हिलाने की गतिविधियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. दिल्ली से आए पर्यटक राहुल वर्मा ने अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया, “विभिन्न देशों से आए आगंतुकों के बीच सौहार्द और गर्मजोशी का आदान-प्रदान वास्तव में अद्वितीय है.” सीमाओं को विलीन होते देखना, भले ही एक पल के लिए ही सही, और सीमाओं से परे एकता की भावना को देखना हृदयस्पर्शी है.”

-भारत एक्सप्रेस

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