PM Modi और राष्ट्रपति मैक्रॉन ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर की चर्चा, विदेश सचिव ने दी खास जानकारी

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से मुलाकात की. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध(संघर्ष) को लेकर भी चर्चा की.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा

विदेश सचिव विनय क्वात्रा

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से मुलाकात की. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध(संघर्ष) को लेकर भी चर्चा की. पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रॉन की इस बैठक की जानकारी विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने दी है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने रूस-यूक्रेन संघर्ष और विकासशील देशों पर इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की. विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इस बात के सबसे बड़े पैरोकार रहे हैं कि विवाद को कूटनीति तरीकों के सुलझाया जाना चाहिए.

PM Modi और मैक्रॉन ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विस्तार से की चर्चा- विदेश सचिव

विदेश सचिव ने पीएम मोदी और मैक्रॉन की बैठक को लेकर बताया,”जब दोनों नेता मिलते हैं, जैसा कि वे आज और कल भी मिले थे, तो उन्होंने विस्तार से चर्चा की कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की वर्तमान स्थिति क्या है. लेकिन हमारे दृष्टिकोण से और मुझे लगता है कि मित्र पक्ष ने भी इसकी काफी सराहना की है.”
विदेश सचिव क्वात्रा ने बताया,”उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि इस संघर्ष का विकासशील देशों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. खाद्य सुरक्षा की चुनौतियां, विकराल होती चुनौतियां और इससे ऊर्जा सुरक्षा के लिए पैदा होने वाली अनिश्चितता, उर्वरक सुरक्षा चुनौतियों में तेजी से वृद्धि होगी, जो कल खाद्य सुरक्षा चुनौतियों में तब्दील हो सकती है.”

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दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र और संबंधों पर क्या बोल विदेश सचिव?

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने रक्षा संबंधों पर बोलते हुए कहा,”2047 होराइजन दस्तावेज सुरक्षा और संप्रभुता को व्यक्तिगत लेनदेन के एक सेट के बजाय अधिक समग्र और व्यापक तरीके से देखता है. इसका कारण यह है कि रक्षा साझेदारी के मेट्रिक्स को परिभाषित नहीं किया गया है.”
उन्होंने आगे कहा,”भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की प्रकृति हमारे जुड़ाव के सभी तत्वों को देखती है. इसलिए दस्तावेज में दोनों देशों की बात की गई है. भारत और फ्रांस उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन पर सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
विदेश सचिव ने कहा कि पीएम मोदी बहुत स्पष्ट हैं कि इनमें से बहुत सी चीजों को आत्मनिर्भर भारत की प्राथमिकता से जोड़ना होगा.

-भारत एक्सप्रेस

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