गांव की प्रतिभा को अवसर, हरभजन सिंह के पहल पर क्रिकेट एसोसिएशन ने आयोजित किया ओपन ट्रायल

Punjab Cricket Association: पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन(पीसीए) ने गांव की प्रतिभा को अवसर देने के लिए एक बड़ी पहल की है.

Punjab Cricket Association: हरभजन सिंह (फाइल फोटो)

Punjab Cricket Association: हरभजन सिंह (फाइल फोटो)

Punjab Cricket Association: पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन(पीसीए) ने गांव की प्रतिभा को अवसर देने के लिए एक बड़ी पहल की है. यह पहल क्रिकेट में गेंदबाजी के लिए की गई. ‘पेस बॉलिंग बैंक’ बनाने के लिए, पीसीए ने 10 जून से 21 जून के बीच ओपन ट्रायल का आयोजन किया. इसमें 1000 से अधिक युवाओं को अपनी गेंदबाजी का कौशल दिखाने के लिए आमंत्रित किया गया. बताया गया कि इस आयोजन का मुख्य उदे्श्य पंजाब में क्रिकेट कौशल को पुनर्जीवित करना और गांव की प्रतिभा को आगे बढ़ाना है. यह आयोजन पूर्व भारतीय क्रिकेटर गेंदबाज हरभजन सिंह के पहल पर किया गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रायल के लिए आए ज्यादातर प्रतिभागियों के पास अनुभव की कमी थी.

Punjab Cricket Association: 93 लोगों को किया गया शॉर्टलिस्ट

बताया गया कि इस ट्रायल में सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने क्रिकेट की अपनी प्रतिभा को दिखाया. इसमें से अधिकतर के पास अनुभव नहीं था. हालांकि, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने इनमें से 93 प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट किया. बताया गया कि इनमें से कई ऐसे भी रहे जिन्होंने अपने गांव से बाहर निकलने का रिस्क भी नहीं उठाया. वहीं, इस आयोजन के पीछे हरभजन सिंह की मेहनत की प्रशंसा की जा रही है. बता दें कि पूर्व क्रिकेटर के अलावा हरभजन सिंह राज्यसभा सांसद भी हैं. उन्होंने पीसीए को उसकी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस लाने के लिए काफी मेहनत की है. वे बीसीसीआई से प्राप्त रुपयों के उचित उपयोग पर भी ध्यान देते हैं. इसके साथ ही हरभजन सिंह छिपी हुई प्रतिभाओं को बाहर करने के लिए दूरदराज के गांवों में पीसीए के द्वारा युवाओं और नई प्रतिभा की खोज करने की कल्पना करते हैं.

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क्या कहते हैं हरभजन सिंह?

अपने विजन को बताते हुए हरभजन सिंह ने कहा,”मुझे नहीं लगता कि कई राज्यों ने ऐसा पहले किया है. इसे आयु समूहों तक सीमित रखने की बजाय खुले में ट्रेनिंग आयोजित करना है. मैं चाहता था कि पीसीए कच्ची तेज गेंदबाजी प्रतिभाओं की खोज करे.” उन्होंने आगे कहा,”पंजाब में कुछ सबसे ताकतवर खिलाड़ी हैं और मैं यह मानने से इनकार करता हूं कि हमारे पास ऐसे लड़के नहीं हैं जो उमरान मलिक या कुलदीप की गति की बराबरी कर सकें. बात यह है कि उनकी पहचान की जाए और उन्हें असाधारण गेंदबाज बनने में मदद की जाए. हमने पहले ही 16 से 24 साल की उम्र के बीच के लगभग 90 लड़कों की पहचान कर ली है.”

-भारत एक्सप्रेस

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