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Dimple Yadav




भारत एक्सप्रेस


चंद्रयान-3 लैंडिंग: भारत अंतरिक्ष क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलना चाहता है क्योंकि उसका लक्ष्य वैश्विक प्रक्षेपण बाजार में अपनी हिस्सेदारी पांच गुना बढ़ाने का है.

एक महत्वपूर्ण विकास में, चंद्रयान -2 ऑर्बिटर जो पहले से ही चंद्रमा के चारों ओर तय किया गया था, ने सोमवार को चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल के साथ दो-तरफा कनेक्शन स्थापित किया.

आज अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की ताकत दुनिया भर में मशहूर है. विशेष रूप से, देश विभिन्न अभूतपूर्व अंतरिक्ष अभियानों को अंजाम देने और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में अपनी स्थिति स्थापित करने में सफल रहा है.

परीक्षण वाहन एक एकल चरण तरल प्रणोदक रॉकेट है जिसका उद्देश्य पूर्ण मानव रहित मिशन से पहले उप-कक्षीय स्तर पर गंगायान की सभी प्रणालियों का परीक्षण करना है जो पूर्ण अंतिम मानव मिशन की नकल करेगा.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सोमवार को आगामी चंद्र मिशन, चंद्रयान 3 की प्रगति पर विश्वास व्यक्त किया.

Lunar Mission: भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक एके भट्ट (सेवानिवृत्त) ने कहा कि, चंद्र अर्थव्यवस्था अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में भी योगदान देगी जो विकास पथ पर है.

भारत अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास में संपूर्ण क्षमताओं वाले अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों में पांचवें स्थान पर है.

Chandrayaan-3: पिछले महीने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने चंद्रयान- 3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की थी. भारत के इस बहुप्रतिक्षित कार्यक्रम का देश ही नही बल्कि पूरी दुनिया ने सराहना कर बधाई दी थी.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) ने कहा कि भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन, चंद्रयान -3 ने मंगलवार को अपनी अंतिम कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी कर ली.

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो सिंगापुर के 7 सैटेलाइटों को श्रीहरिकोटा से लॉन्च करेगा. यह लॉन्चिंग 30 जुलाई को की जाएगी.