गांधी-मंडेला सेंटर ऑफ स्पेशलाइजेशन दक्षिण अफ्रीकी युवाओं को कारीगर-कौशल के लिए कर रहा प्रशिक्षित

भारत और दक्षिण अफ्रीकी सरकार के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है. एक कौशल विकास परियोजना के तहत अब विभिन्न समुदायों के दक्षिण अफ्रीकी युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसमें उन्हें आवश्यक तकनीकी कौशल और ज्ञान प्रदान किया जाता है और उनके जीवन में बदलाव लाया जा रहा है.

India South Africa: भारत और दक्षिण अफ्रीकी सरकार के बीच सहयोग के परिणामस्वरूप, गांधी-मंडेला सेंटर ऑफ स्पेशलाइजेशन युवाओं की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. इसके कारण दक्षिण अफ़्रीका की कारीगर कौशल आवश्यकताएँ पूरी हो सकेंगी.

बता दें कि अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में, 26 जुलाई, 2018 को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में गांधी-मंडेला सेंटर ऑफ स्पेशलाइजेशन फॉर आर्टिजन स्किल्स (जीएमसीओएस) की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे. उसके बाद दोनों देशों में इस पर काम शुरु हुआ. भारतीय उच्चायोग (प्रिटोरिया) के वाणिज्यिक सहायक, सुधीर मैनी ने बताया, “फिलहाल, गांधी-मंडेला कारीगर कौशल विशेषज्ञता केंद्र में कौशल सीखने के लिए, इसे उद्योग में आगे ले जाने के लिए प्रशिक्षकों की बड़ी मांग है. हम उच्चायोग में उम्मीद कर रहे हैं कि हम और अधिक मशीनरी के साथ इस संस्थान को वित्त पोषित कर सकते हैं.

सुधीर मैनी ने कहा, “यह अब तक बहुत सफल रहा है और हमें वास्तव में उम्मीद है कि इसे पूरे दक्षिण अफ्रीका में दोहराया जा सकता है.” इसके अलावा, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने परियोजना को लागू करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय के तहत भारत सरकार के उद्यम एचएमटी (इंटरनेशनल) लिमिटेड (एचएमटी (आई)) को नियुक्त किया है. एचएमटी (इंटरनेशनल) लिमिटेड के मैनेजर (प्रोजेक्ट्स) जे. नरेश कुमार ने कहा, “भारत सरकार द्वारा कुल 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की मशीनें, उपकरण और उच्च प्रौद्योगिकी उपकरण प्रदान किए गए, जिसमें ड्रिलिंग मशीन, वेल्डिंग उपकरण और बहुत कुछ शामिल हैं.”

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