जर्मनी में अरिहा शाह भारतीय माता-पिता को अब तक नहीं मिली, वापस लाने के लिए जैन समुदाय ने बंगाल में जर्मन वाणिज्य दूतावास के बाहर किया प्रदर्शन

Baby Ariha shah In Germany: जैन समुदाय के लोग पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित जर्मन वाणिज्य दूतावास के बाहर एकत्र हुए और जर्मनी से अरिहा नाम की बच्‍ची को भारत में उसके माता-पिता के पास वापस लाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

जर्मनी की चाइल्ड केयर यूनिट में फंसी गुजरात की बेबी अरिहा शाह का मामला फिर चर्चा में है

Baby Ariha shah germany: जर्मनी में रहे भारतीय मूल के पति-पत्‍नी की बच्‍ची को वहां जर्मन चाइल्ड केयर यूनिट ने कस्‍टडी में ले लिया था. उसे अभी तक माता-पिता को वापस नहीं किया गया है, उस बच्‍ची का नाम अरिहा शाह है. जर्मन चाइल्ड केयर यूनिट का कहना है कि बच्‍ची हमारी देखरेख में सुरक्षित है और उसे भारतीय माता-पिता को इसलिए वापस नहीं किया जाएगा, क्‍योंकि उन्‍होंने बच्‍ची का यौन उत्पीड़न किया था. वहीं, माता-पिता कह रहे हैं कि गलती से बच्‍ची के प्राइवेट पार्ट पर चोट लग गई थी, इसका मतलब ये नहीं है कि हम अपनी बच्‍ची को कोई नुकसान पहुंचाना चाहते थे.

बता दें कि अरिहा शाह के माता-पिता मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं. 2021 में अरिहा करीब 7 महीने की थी, तब उसकी दादी जर्मनी गईं थी. बताया जाता है कि उसी दौरान अरिहा के प्राइवेट पार्ट पर चोट लग गई. डायपर में खून दिखने के बाद पेरेंट्स अरिहा को अस्पताल ले गए. यहां उन पर जर्मनी चाइल्ड केयर यूनिट ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इसके बाद बच्ची को माता-पिता से दूर फॉस्टर केयर में भेज दिया गया. माता-पिता का कहना है कि जर्मन चाइल्ड केयर यूनिट ने हमारी बच्ची छीन ली है; कोर्ट का फैसला आने के बावजूद उसे रिलीज नहीं किया जा रहा है.

माता-पिता ने लगाई बच्‍ची को वापस पाने के लिए गुहार 

बच्‍ची को वापस पाने के लिए माता-पिता ने भारत सरकार से भी गुहार लगाई. हालांकि, अब तक दोनों खाली हाथ हैं. उनका समर्थन करने के लिए अब भारतीय शहर कोलकाता में स्थित जर्मन वाणिज्य दूतावास के बाहर जैन समुदाय के लोगों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया है. वो चाहते हैं कि जर्मनी की राजधानी बर्लिन में जर्मन चाइल्ड केयर यूनिट के पास मौजूद 2 वर्षीय बच्‍ची अरिहा शाह को भारत वापस लाया जाए. प्रदर्शनकारियों में से एक विक्रम बोरा ने कहा, “हमने पीएमओ और विदेश मंत्रालय से तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. कोई भी बेटी अपनी माँ के प्यार से वंचित न रहे. अरिहा को अपनी मां, संस्कृति और अपने पर्यावरण की जरूरत है. हम चाहते हैं कि अरिहा जैन समुदाय में पले-बढ़े.”

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह मामला मानवता के खिलाफ है. जर्मन सरकार ने उस बच्‍ची को उसके माता-पिता से छीन लिया है. शुरुआत में उसके माता-पिता पर कुछ आरोप थे, अब उन्हें बरी कर दिया गया है. लेकिन उनकी बेटी को वापस नहीं किया गया है.,”

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इस सप्ताह की शुरुआत में, जर्मनी में भारतीय समुदाय ने भी अरिहा शाह को भारत वापस लाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपनी जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के सामने यह मुद्दा उठाया था.

— भारत एक्सप्रेस

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