अमृतकाल पर दाग न बन जाए ‘अमृत-कथा’
पंजाब फिर अस्सी वाले उसी दशक में न पहुंच जाए इसके लिए जरूरी है कि अमृतपाल के सरेंडर करने या उसकी गिरफ्तारी के बाद पारदर्शी जांच और अभियोजन सुनिश्चित कर जल्द-से-जल्द उसकी इस कथा का उपसंहार लिख दिया जाए।
दोस्ती तोड़ेगी चीन का चक्रव्यूह
चीन की चालबाजी का एक गौर करने वाला पक्ष ये भी है कि ‘सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’ की तर्ज पर वो अब अपनी छवि सुधारने की जुगत भी लगा रहा है।
मोदी है तो मुमकिन है..
प्रधानमंत्री मोदी के कुशल और दमदार नेतृत्व से वैश्विक स्तर पर आज भारत अपने देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए बिना संकोच अपनी बात रखने में सक्षम है।
विश्वगुरु बनने की ‘कूटनीति’
ऐसे में ‘2023 को भारत का साल’ बताने वाली अमेरिका की भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाने के हमारे प्रयास इस सफर को और आसान कर सकते हैं।
जीत से आगाज, 2024 का शंखनाद
कांग्रेस भी शायद जमीन की हकीकत को समझ रही है। रायपुर के अधिवेशन में उसने एक तरह से ये बात मान ली है कि गठजोड़ उसके लिए भी जरूरी है और गठजोड़ बनाए बिना चुनावी वैतरणी पार करने का उसका माद्दा नहीं बचा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल: संवाद से ही निकलेगा समाधान
भारत ने युद्ध पर शुरू से ही एक तटस्थ रुख रखा है और रूस की कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से निंदा करने से भी परहेज किया है।
आसमानी उम्मीदों का प्रतीक बना मोदी का भारत
नया भारत बड़े सपने देखने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने का साहस दिखा रहा है। पहले सिर्फ गरीबी, विदेशों से पैसे मांगने और किसी तरह गुजारा करने की चर्चा होती थी। अब दुनिया भर में भारत को लेकर सकारात्मकता है।
फूट न जाए ध्रुवीकरण का ‘गुब्बारा’
अगर चीन ने जानबूझकर नहीं भी चाहा होगा कि उसका गुब्बारा पकड़ा जाए, तो भी उसके लिए इस ‘चूक’ का इससे अच्छा समय कोई दूसरा नहीं हो सकता था।
बजट 2023-24 बेहद खास, अर्थव्यवस्था पर मजबूत विश्वास
निर्मला सीतारमन के बजट की एक और खासियत यह है कि राजस्व जुटाने में कॉरपोरेट टैक्स और इनकम टैक्स बराबर का योगदान करने जा रहे हैं।
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री: पीएम मोदी की वैश्विक छवि को धूमिल करने की औपनिवेशिक मानसिकता
राजनीतिक तौर पर प्रधानमंत्री के विरोध का उन्हें पूरा अधिकार है लेकिन जब वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री पद पर सवाल उठते हैं तो उसका मतलब देश पर सवाल उठना होता है।